स्वप्निल समां
- Shruti Roy Bir
- Jun 4, 2004
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देखो कैसा समां है, सुहाना - सुहाना, चारों ओर अँधियारा, कोहरा है धुंदला - धुंदला। फूलो की खुशबू लिए, चंचल पवन गाये, ला ला ला ला ला आ ऐसे में कोई साथी हो, प्यारा - प्यारा।
धुप सुनहरी रौशन है, सोना - सोना, रूप तेरा उजियारा, मुखड़ा है बदला - बदला। ओस की बुँदे भी, इठलाके यु गिर जाये, कैसा है समां (ला ला ला ला ला आ ) आसमां भी लालिम है, हल्का - हल्का । देखो कैसा समां है ,,,,,,,
प्यार का मौसम है, कोना - कोना, नैन तेरे कजरारे,चेहरा है उजला - उजला। तू कहां ये साथी बता?, अब दिल नहीं यु माने, प्यारा है समां (ला ला ला ला ला आ ) आज दिल की धड़कन है, बेहका - बेहका, देखो कैसा समां है ,,,,,,,
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