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लोग बदल जाते है

  • Poem
  • Nov 6, 2017
  • 1 min read

रास्ते बदल जाते है, मंज़िले बदल जाते है,

क्यों नहीं बदलते दिल, जो तकदीरे बदल जाते है |

दिल वही थम जाता है, यादो की अनगिनत परछाइ लिए,

आँखों की नमी चुराकर, ये दो नज़रे बदल जाते है |

रूह रहती है अश्कबार, लब हँसते है हर लम्हा मगर,

बाहर और अंदर की गर्म हवाओं से, फ़िज़ाए बदल जाते है |

दरबार तो वही है, सपनो का सिंघासन भी वही है,

सोच बदल जाये तो, ख्वाबो की मल्लिका बदल जाते है,

ज़िन्दगी बनाकर, शतरंज की चाल चलने वाले,

वादा तोड़कर नाज़ करने वाले, गुरुर भी तोड़ जाते है,

प्यार तो बंदगी है यारो, प्यार के इरादे बदल जाते है |

ज़िन्दगी के ख्वाब वही है मगर, हक़ीक़त बदल जाते है |

कोई होता है रफ्ता- रफ्ता ज़िन्दगी से दूर, बहुत दूर,

हाथो की ये चंद लकीरें ही क्यों, अक्सर बदल जाते है?


 
 
 

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