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Hindi poem (हिंदी कविता) - शून्यता

Hindi poem (हिंदी कविता) - गुमनाम शहर

कविता - ज़िन्दगी को हेर पल रंग बदलते देखा है... Hindi Poem

Hindi Poem - (हिंदी कविता) - कभी सोचा न था

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My Poems and Stories, Click on the headings to read full poems. Thanks.


स्वर्णिम प्रकाश
शब्दों की गठरी नहीं, विचारों की धार है शिक्षा, अंधेरे से उजाले तक का विस्तार है शिक्षा। मिट्टी को सोना बना दे जो तपन की भट्टी में,...


जी लेने दो ज़रा
ज़िंदगी बची ही कितनी, जो ज़िंदगी भर साथ निभाने कि बात करु, बस दो कदम साथ चलने दो ज़रा | जी लेने दो ज़रा। मुमकिन ही नेहि कि, फिर बरसे पानी इस...


जीवन का पूर्णविराम
शून्यता नहीं है जीवन का पूर्णविराम, मनस्थल की मानसिक प्रवृत्ति है केवल जीवन तो है चलनशील, अविरल अविराम, शून्यता नहीं है जीवन का...


Let’s move on
A funny and romantic poem where two fight a lot and decide to take break up everyday but they don't:) Though it seems impossible, it’s...


मिटटी की खुशबू
A sad poem where poet missing home and simple village life दूर कही बारिश तो ज़रूर हुयी होगी, जो ये मिटटी की खुशबू उड़ाकर लाती है | इस शहर...


लोग बदल जाते है
रास्ते बदल जाते है, मंज़िले बदल जाते है, क्यों नहीं बदलते दिल, जो तकदीरे बदल जाते है | दिल वही थम जाता है, यादो की अनगिनत परछाइ लिए, आँखों...


चाँद और चांदनी
दर्मिया फासले तो मिलो की है मगर, सबके दिलो के तू पास है| तेरी रौशनी से हर रात होती है उज्वल, ऐ चाँद तू बड़ा खास है| ईद की रौनक तुझ सही...


आवाज़
मै आवाज़ देती हु, कदम से कदम मिलाओ तुम झूठे वादे और दिलासे से, खुद को न बेहलाओ तुम अकेले नहीं हम इस राह में, बाहें ज़रा फैलाओ तुम दृढ है...


दौर बदलते देखा है
सूरज का निकलना, नये जीवन कि शुरूआत है,ज़ींदेगी को हर पल मैने, रंग बदलते देखा है| जिन आंखो ने खुशियों के सपने देखे थे कभि, शाम होते हि आंखो...


নদির ধারের বাগানটি
ছটো বেলা থেকে নানান রকোমের অনেক গল্পো সুনে বর হোয়েছি | কিন্ত ভুতের গল্পের নাম সুনলেই গা টা কেমন জেনো শিউরে ওঠে, তাইনা? সব গল্পো বা...


वक़्त आया
इश्क़ में तो हर पल मर मिटते है सभी, देश के लिए मिटने का वक़्त है आया | इन दरिंदे भ्रष्टाचारियो के हर चाल को, बेनक़ाब करने का वक़्त है आया |...


कभी सोचा न था
पहेली बारिश की ये शीतल सी हवा, मन को यु गहराई से छू जाएगी, कभी सोचा न था। पहेली नज़र में ही तेरी तस्वीर इस दिल में, कम्बख्त इस कदर उतर...
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